Hindi लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सर्वनाम किसे कहते हैं - sarvanam ke prakar

व्याकरण में सर्वनाम एक ऐसा शब्दों का एक समूह है जिसका उपयोग वाक्यांश में संज्ञा के स्थान पर किया जाता हैं। सर्वनाम का उदाहरण "आप" है, जो या तो एकवचन या बहुवचन हो सकता है। "राजेश क्या क…

संज्ञा किसे कहते हैं - sangya kise kahate hain

संज्ञा किसी भी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी, गुण और भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा एक ऐसा शब्द है जो नाम को इंगित करता है।  संज्ञा के पांच भेद होते हैं। व्यक्तिवाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा  भा…

स्वर संधि किसे कहते हैं

दो ध्वनियों के परस्पर मेल से जो विकार अथवा परिवर्तन होता है, उसे संधि कहते हैं। संधि केवल तत्सम शब्दों में ही होती हैं। जैसे - भोजन+आलय - भोजनालय संधि का अर्थ जोड़ना होता हैं। संधि दो वर्ण या …

क्रिया किसे कहते हैं

क्रिया शब्द वाक्य रचना में आम तौर पर घटना या होने की स्थिति बताती है। कई भाषाओं में काल, पहलू , मनोदशा और आवाज को सांकेतिक शब्दों में बदलने के लिए क्रियाओं को विभक्त किया जाता है। क्रिया व्यक्ति, लिं…

सार लेखन किसे कहते हैं

किसी विस्तृत अपठित गद्यांश, विवरण, सविस्तार व्याख्या, वक्तव्य, पत्र व्यवहार या लेख के तथ्यों और निर्देशों के ऐसे संयोजन को सार लेखन कहते हैं, जिसमें अप्रासंगिक, असम्बद्ध, पुनरावृत्त, अनावश्यक बातों क…

संक्षिप्ति किसे कहते हैं - sankshipti ki visheshta

संक्षिप्ति किसे कहते हैं  संक्षिप्ति वस्तुतः मनुष्य की निरन्तर सहजता की ओर जाने की प्रकृति का परिचायक है। संक्षिप्ति का अर्थ शब्दों के संक्षिप्त रूप से है। ये शब्दों के वे संकेत या चिन्ह है जो बाद मे…

व्याकरणिक कोटि का अर्थ क्या है - vyakarnik koti

व्याकरण उस विधा अथवा शास्त्र का नाम है जिसके द्वारा हम किसी भाषा के शुद्ध बोलने, लिखने तथा पढ़ने का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।  देवेन्द्र नाथ शर्मा ने व्याकरणिक कोटियों को परिभाषित करते हुए लिखा है क…

पृष्ठांकन किसे कहते है - prasthankan kise kahate hain

किसी पत्र की प्रतिलिपि या मूल-पत्र को जब किसी अन्य अधिकारी के पास आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा जाता है, तब उस प्रतिलिपि या मूल-पत्र के नीचे पृष्ठांकन का प्रयोग किया जाता है। पत्राचार की यह लघुतम प्रणाल…

व्यंजन संधि की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए

जब किसी व्यंजन का मेल किसी स्वर या व्यंजन से होता है, तब उससे परिवर्तन होकर विकार उत्पन्न होता है, इसी को व्यंजन संधि कहते हैं।  1. सत् + वाणी = सद्वाणी 2. जगत + नाथ = जगन्नाथ 3. सम + गम =  …

लक्ष्य भाषा और स्रोत भाषा में क्या अंतर है

लक्ष्य भाषा और स्रोत भाषा में क्या अंतर है अनुवाद का शाब्दिक अर्थ होता है - किसी के कहने के बाद कहना। किसी कथन का अनुवर्ती कथन, पुन: कथन अथवा पुनरुक्ति अनुवाद कहलाता है। एक भाषा में कही हुई बात को दू…

अनुवाद के उद्देश्य एवं विशेषताएं - anuwad ke uddeshya

संस्कृत में अनुवाद का उपयोग शिष्य द्वारा गुरु की बात के दुहराने के लिए किया जाता था। संस्कृत के वद् धातु से अनुवाद शब्द का निर्माण हुआ है। अनु और वाद के मिलने से 'अनुवाद' शब्द बना है, …

बोली और भाषा में अंतर बताइए - boli aur vibhasha mein antar

भाषा संस्कृत के भाष् धातु से बनी है, जिसका अर्थ व्यक्त वाणी होता है। वास्तव में भाषा वह सशक्त माध्यम है। जिसके द्वारा विचारों का विनिमय किया जा सकता है। सामान्य रूप में जिन ध्वनि और चिन्हों के माध्यम…

राजभाषा किसे कहते हैं - rajbhasha kise kahate hain

राजभाषा किसे कहते हैं राजभाषा - जब किसी भाषा को राज्य द्वारा अपने कार्यों के सम्पादन के लिए स्वीकृत कर ली जाती है तो वह राजभाषा कहलाती है।  भाषा या विभाषा राजभाषा बन सकती है। बोली में एकरूपता का अभा…

भाषा के मानकीकरण के आधार - bhasa ka manvikarn

मानक से तात्पर्य एक निश्चित माप या स्थिर किया हुआ सर्वमान्य मान से है। जिसके आधार पर किसी भी योग्यता, श्रेष्ठता एवं गुण आदि का अनुमान या कल्पना की जाये। मानक शब्द अंग्रेजी के स्टैण्डर्ड के प्रति शब्द…

मीडिया की भाषा के स्वरूप को स्पष्ट कीजिए ।- media bhasha ke swaroop ko spasht kijiye

मीडिया की भाषा के स्वरूप को स्पष्ट कीजिए वर्तमान युग में विज्ञान के चमत्कार ने मीडिया के माध्यम से एक क्रांतिकारी विकास किया है आधुनिक युग में टी.वी., प्रेस, समाचार पत्र ने अपने को अत्याधुनिक स्वरूप …

कार्यालयीन हिन्दी के स्वरूप- karyalay hindi ke swaroop

कार्यालयीन हिन्दी के स्वरूप और विकास को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए ।  कार्यालयों में कार्यप्रणाली की एक निश्चित प्रक्रिया एवं भाषा होती है। कार्यालयों में किसी पत्र को भेजने के पहले उस पत्र की विषय-वस्तु क…

सरकारी एवं अर्द्ध सरकारी पत्र में अन्तर -sarkari aur ardh sarkari patra mein antar

सरकारी एवं अर्द्ध सरकारी पत्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए।   शासकीय पत्र लेखन की एक विशिष्ट और निर्धारित शैली है, जिसका हमेशा ध्यान रखा जाता है। इसके निम्नलिखित प्रमुख अंग हैं सरनामा, पत्र संख्या, पत्र- प…

औपचारिक व अनौपचारिक पत्र में अन्तर -aupcharik and aupcharik patra

औपचारिक व अनौपचारिक पत्र में अन्तर स्पष्ट करते हुए दैनिक जीवन में पत्रों की महत्व पर प्रकाश डालिए ।  औपचारिक एवं अनौपचारिक पत्रों के लेखन में शैलीगत अंतर होता है । अनौपचारिक पत्रों के लेखन में प्राय:…

मौखिक भाषा किसे कहते हैं - maukhik bhasa ki prakriti

संस्कृत शब्द भाष से भाषा शब्द का विकास हुआ है। भाषा का प्रयोग हम तभी करते हैं, जब हमें भावों एवं विचारों को अभिव्यक्त करनी होती हैं। भाषा संचार की उस प्रणाली को संदर्भित करती है जिसका उपयोग मनुष…

कार्यालयीन भाषा का परिचय - karyalay ki bhasha ka parichay

कार्यालयीन भाषा का परिचय देते हुए प्रारूप पत्रों के अंग लिखिए। कार्यालयीन पत्र – कार्यालयीन पत्र उस पत्र को कहा जाता है जो दो स्वतंत्र निकायों के बीच व्यवहार होते हैं। इस प्रकार के पत्रों में प्रेषक…