व्याकरण में सर्वनाम एक ऐसा शब्दों का एक समूह है जिसका उपयोग वाक्यांश में संज्ञा के स्थान पर किया जाता हैं। सर्वनाम का उदाहरण "आप" है, जो या तो एकवचन या बहुवचन हो सकता है। "राजेश क्या क…
संज्ञा किसी भी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी, गुण और भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा एक ऐसा शब्द है जो नाम को इंगित करता है। संज्ञा के पांच भेद होते हैं। व्यक्तिवाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा भा…
दो ध्वनियों के परस्पर मेल से जो विकार अथवा परिवर्तन होता है, उसे संधि कहते हैं। संधि केवल तत्सम शब्दों में ही होती हैं। जैसे - भोजन+आलय - भोजनालय संधि का अर्थ जोड़ना होता हैं। संधि दो वर्ण या …
क्रिया शब्द वाक्य रचना में आम तौर पर घटना या होने की स्थिति बताती है। कई भाषाओं में काल, पहलू , मनोदशा और आवाज को सांकेतिक शब्दों में बदलने के लिए क्रियाओं को विभक्त किया जाता है। क्रिया व्यक्ति, लिं…
किसी विस्तृत अपठित गद्यांश, विवरण, सविस्तार व्याख्या, वक्तव्य, पत्र व्यवहार या लेख के तथ्यों और निर्देशों के ऐसे संयोजन को सार लेखन कहते हैं, जिसमें अप्रासंगिक, असम्बद्ध, पुनरावृत्त, अनावश्यक बातों क…
संक्षिप्ति किसे कहते हैं संक्षिप्ति वस्तुतः मनुष्य की निरन्तर सहजता की ओर जाने की प्रकृति का परिचायक है। संक्षिप्ति का अर्थ शब्दों के संक्षिप्त रूप से है। ये शब्दों के वे संकेत या चिन्ह है जो बाद मे…
व्याकरण उस विधा अथवा शास्त्र का नाम है जिसके द्वारा हम किसी भाषा के शुद्ध बोलने, लिखने तथा पढ़ने का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। देवेन्द्र नाथ शर्मा ने व्याकरणिक कोटियों को परिभाषित करते हुए लिखा है क…
किसी पत्र की प्रतिलिपि या मूल-पत्र को जब किसी अन्य अधिकारी के पास आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा जाता है, तब उस प्रतिलिपि या मूल-पत्र के नीचे पृष्ठांकन का प्रयोग किया जाता है। पत्राचार की यह लघुतम प्रणाल…
जब किसी व्यंजन का मेल किसी स्वर या व्यंजन से होता है, तब उससे परिवर्तन होकर विकार उत्पन्न होता है, इसी को व्यंजन संधि कहते हैं। 1. सत् + वाणी = सद्वाणी 2. जगत + नाथ = जगन्नाथ 3. सम + गम = …
लक्ष्य भाषा और स्रोत भाषा में क्या अंतर है अनुवाद का शाब्दिक अर्थ होता है - किसी के कहने के बाद कहना। किसी कथन का अनुवर्ती कथन, पुन: कथन अथवा पुनरुक्ति अनुवाद कहलाता है। एक भाषा में कही हुई बात को दू…
संस्कृत में अनुवाद का उपयोग शिष्य द्वारा गुरु की बात के दुहराने के लिए किया जाता था। संस्कृत के वद् धातु से अनुवाद शब्द का निर्माण हुआ है। अनु और वाद के मिलने से 'अनुवाद' शब्द बना है, …
भाषा संस्कृत के भाष् धातु से बनी है, जिसका अर्थ व्यक्त वाणी होता है। वास्तव में भाषा वह सशक्त माध्यम है। जिसके द्वारा विचारों का विनिमय किया जा सकता है। सामान्य रूप में जिन ध्वनि और चिन्हों के माध्यम…
राजभाषा किसे कहते हैं राजभाषा - जब किसी भाषा को राज्य द्वारा अपने कार्यों के सम्पादन के लिए स्वीकृत कर ली जाती है तो वह राजभाषा कहलाती है। भाषा या विभाषा राजभाषा बन सकती है। बोली में एकरूपता का अभा…
मानक से तात्पर्य एक निश्चित माप या स्थिर किया हुआ सर्वमान्य मान से है। जिसके आधार पर किसी भी योग्यता, श्रेष्ठता एवं गुण आदि का अनुमान या कल्पना की जाये। मानक शब्द अंग्रेजी के स्टैण्डर्ड के प्रति शब्द…
मीडिया की भाषा के स्वरूप को स्पष्ट कीजिए वर्तमान युग में विज्ञान के चमत्कार ने मीडिया के माध्यम से एक क्रांतिकारी विकास किया है आधुनिक युग में टी.वी., प्रेस, समाचार पत्र ने अपने को अत्याधुनिक स्वरूप …
कार्यालयीन हिन्दी के स्वरूप और विकास को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए । कार्यालयों में कार्यप्रणाली की एक निश्चित प्रक्रिया एवं भाषा होती है। कार्यालयों में किसी पत्र को भेजने के पहले उस पत्र की विषय-वस्तु क…
सरकारी एवं अर्द्ध सरकारी पत्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए। शासकीय पत्र लेखन की एक विशिष्ट और निर्धारित शैली है, जिसका हमेशा ध्यान रखा जाता है। इसके निम्नलिखित प्रमुख अंग हैं सरनामा, पत्र संख्या, पत्र- प…
औपचारिक व अनौपचारिक पत्र में अन्तर स्पष्ट करते हुए दैनिक जीवन में पत्रों की महत्व पर प्रकाश डालिए । औपचारिक एवं अनौपचारिक पत्रों के लेखन में शैलीगत अंतर होता है । अनौपचारिक पत्रों के लेखन में प्राय:…
संस्कृत शब्द भाष से भाषा शब्द का विकास हुआ है। भाषा का प्रयोग हम तभी करते हैं, जब हमें भावों एवं विचारों को अभिव्यक्त करनी होती हैं। भाषा संचार की उस प्रणाली को संदर्भित करती है जिसका उपयोग मनुष…
कार्यालयीन भाषा का परिचय देते हुए प्रारूप पत्रों के अंग लिखिए। कार्यालयीन पत्र – कार्यालयीन पत्र उस पत्र को कहा जाता है जो दो स्वतंत्र निकायों के बीच व्यवहार होते हैं। इस प्रकार के पत्रों में प्रेषक…